मानव संस्कृति आज खतरे में है …. जिस तरह से विज्ञान ने तेजी से विकास किया है उसी तरह से मानव ने इस विज्ञान का दुरुपयोग भी कई गुना किया है यही कारण है कि प्रकृति का प्रकोप पृथ्वी पर दिखाई देने लगा है। ग्लोबल वार्मिंग और तपती धरती इस बात का जीता जगता सबूत है प्रकृति समय समय पर मानव को याद दिलाती रहती है लेकिन इंसान मानते नहीं हैं इसी लिए फिर यह विकराल रूप में सामने आती है।
जिस तरह से हड़प्पा सभ्यता का आज तक स्पष्ट विनाश का सही कारण पता लगाना वैज्ञानिकों एक चुनौती बन हुआ है इसी तरह कही आज की ये धरती पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है वैज्ञानिक रिसर्च का मानना है कि धरती पर 100फीट सुनामी मंडरा रहा है और इसका संकेत अमेरिका का पश्चिमी तट दे रहा है जो बुरी तरह से तबाही के चपेट में है। वर्जीनिया टेक शोधकर्ताओं के अनुसार अमेरिका में प्रलयनकारी सुनामी आने की आशंका है, ये अमेरिका के कैस्केडिया सबडक्शन जोन में भूकंप आने की आशंका है जो सुनामी को और पुष्ट करता है।

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भूकंप के बारे में कहा जा रहा है कि यह 8 से 9 रिक्टर स्केल का तीव्रता का हो सकता है अटकलें ये भी हैं कि इससे अमेरिका का पश्चिमी तट 8 फीट नीचे धस जाएगा।
सुनामी:Tsunami के बारे में:-
“सुनामी एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ बंदरगाह की लहर है” आम तौर पर यह महासागरों में या तटीय क्षेत्रों में आता है यह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन और उल्कापिंडों के प्रभाव के कारण पानी के ऊपरी भाग में आते हैं और स्थली भागो में पहुंच कर विनाशकारी हो जाती हैं।
दुनिया के प्रमुख सुनामी क्षेत्र
० प्रशांत महासागर का “रिंग ऑफ फायर”, यहां दुनिया का 90% भूकंप आते हैं जो सुनामी का कारण बनते हैं।
० इंडोनेशिया, टेक्टोनिक प्लेटों के कारण।
० भारत, बंगाल की खड़ी और अंडमान सागर, 2004 का सुनामी हिंद महासागर में ही आया था जो भारत को अत्यधिक जन धन का नुकसान पहुंचाया ।